उद्देश्यहीन निवेश: निवेश करने से पहले एक स्मार्ट लक्ष्य को परिभाषित करने से न केवल आपको अपनी जोखिम की भूख का आकलन करने में मदद मिलेगी, बल्कि अपनी आवश्यकताओं के लिए सबसे अच्छे फंड का चयन करने में भी मदद मिलेगी।
जल्दबाज़ी में निर्णय लेना: शॉर्ट टर्म आउटलुक से बचना चाहिए और निवेशक को तेजी / मंदी के बाजारों में भी अपने लक्ष्यों को याद रखना चाहिए।
फंड के प्रदर्शन के संकेतक के रूप में केवल एनएवी का उपयोग करना: कभी भी अपने एनएवी के आधार पर एक फंड न खरीदें। इसका प्रदर्शन प्रबंधन के फैसले, पोर्टफोलियो होल्डिंग्स आदि जैसे कारकों से भी प्रभावित होता है।
समीक्षा का अभाव: समय पर ढंग से फंड के प्रदर्शन की समीक्षा नहीं करने से नुकसान हो सकता है।
बहुत अधिक फंडों में निवेश करना: इससे पोर्टफोलियो में कई अंडरपरफॉर्मिंग फंडों का समावेश हो सकता है, जिससे उत्पन्न कुल रिटर्न में कमी आती है।