लिक्विड फंड्स: लिक्विड फंड मुख्य रूप से मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स जैसे कि ट्रेजरी बिल, कमर्शियल पेपर्स (सीपी) और सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट्स (सीडी) में निवेश करता है। इन उपकरणों की परिपक्वता अवधि 91 दिन तक होती है। निवेशक जो कम से कम जोखिम के साथ कम अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, वे इस प्रकार के फंड में निवेश करते हैं।
अल्ट्रा शॉर्टफंड्स: ये डेट सिक्योरिटीज जैसे ट्रेजरी बिल्स, कमर्शियल पेपर्स या डिपॉजिट सर्टिफिकेट में निवेश करते हैं, जिनकी परिपक्वता अवधि 3 से 6 महीने तक होती है। अपेक्षाकृत कम परिपक्वता अवधि के कारण लिक्विड फंडों की तुलना में ये थोड़े जोखिम भरे होते हैं।
शॉर्टटर्म फंड: वे 6 से 12 महीनों के बीच परिपक्वता अवधि के साथ कमर्शियल पेपर्स, सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट जैसे मनी मार्केट सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं।
मध्यम अवधि के फंड: ये फंड 1 से 3 साल के बीच की परिपक्वता अवधि के साथ गिल्ट सिक्योरिटीज (सरकारी बॉन्ड), कॉर्पोरेट बॉन्ड आदि में निवेश करते हैं।
लंबी अवधि के फंड: वे गिल्ट सिक्योरिटीज और कॉर्पोरेट बॉन्ड आदि में भी निवेश करते हैं, लेकिन परिपक्वता अवधि अधिक होती है, यानी 3 साल से अधिक।