बेहतर रिटर्न: म्युचुअल फंड में बैंक एफडी या पोस्ट ऑफिस स्कीम की तुलना में अधिक रिटर्न होता है, मध्यम से लंबी अवधि के लिए।
व्यावसायिक निवेश प्रबंधन: म्यूचुअल फंड का प्रबंधन पेशेवर फंड प्रबंधकों द्वारा किया जाता है, जिनके पास निवेश के सही अवसरों का चयन करने में विशेषज्ञता होती है। इस प्रकार, यह शोध के निवेशक के समय और प्रयास को बचाता है।
विविधीकरण: म्यूचुअल फंड कई प्रतिभूतियों और परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करते हैं, इस प्रकार जोखिम में विविधता लाते हैं।
विविधता: यहाँ हर किसी के लिए कुछ है! निवेशक अपने निवेश उद्देश्य के अनुसार म्यूचुअल फंड चुन सकता है।
अफोर्डेबिलिटी: कोई भी अपनी पसंद के फंड में कम से कम 500 रुपये के लिए निवेश करना शुरू कर सकता है।
सुरक्षा: भारत में, म्युचुअल फंड्स को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा अच्छी तरह से विनियमित किया जाता है, जो निवेशकों के हितों की रक्षा करता है और संचालन में पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
चलनिधि: निवेशक किसी भी समय अपनी पसंद का पैसा लगा सकता है और निकाल सकता है। इससे उन्हें आसानी से तरलता मिलती है क्योंकि जब भी उन्हें जरूरत होती है वे अपने फंड को वापस पा सकते हैं।
सुविधा: निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार, इक्विटी फंड में एकमुश्त राशि या सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (SIP) के माध्यम से निवेश कर सकता है।