बैंक जमा खाते के विभिन्न प्रकार क्या हैं?

भारतीय बैंकिंग प्रणाली में मुख्य रूप से चार प्रकार के खाते उपलब्ध हैं:
करंट अकाउंट: इन्हें ज्यादातर फर्म या कंपनी के नाम से खोला जाता है। वे मूल रूप से व्यवसायों के लिए हैं और बचत या निवेश के उद्देश्य से उपयोग नहीं किए जाते हैं। एक दिन में लेनदेन की संख्या की कोई सीमा नहीं है।
बचत खाता: यह सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला और लोकप्रिय जमा खाता है। धनराशि और एक दिन में किये  जाने वाले लेन-देनपर कुछ सीमाएँ हैं। बचत बैंक खाते पर ब्याज का भी प्रावधान है जो अलग अलग बैकों  के लिऐ  अलग है।

आवर्ती जमा खाते( रेकरिंग डिपाजिट ): ये खाते उन लोगों के लिए हैं जो एक बार में एक बड़ी राशि जमा करने के बजाय हर महीने एक छोटी धनराशि  की बचत करना चाहते हैं। वे हर महीने ब्याज कमाते हैं और जमा नहीं करने पर जुर्माना भी भरते हैं ।
फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट: सभी बैंक इस प्रकार के खाते प्रदान करते हैं, जो कि एक विस्तृत अवधि के कार्यकाल के लिए होते हैं, यानी 1 महीने से लेकर 10 साल तक। फिक्स्ड डिपाजिट (सावधि जमा) पर ब्याज दर बचत बैंक खाते पर ब्याज की तुलना में अधिक है, लेकिन लाभार्थी के परिपक्वता से पहले धन  निकालने पर होने पर जुर्माने का भी प्रावधान है।

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