इनकम टैक्स भरना हर भारतीय की ज़िम्मेदारी होती है। चलिये देखते हैं आयकर के मुख्य नियम क्या हैं और ऑनलाइन आयकर कैसे भरा जाता है।
आयकर भरने से पहले इन फॉर्म्स के बारे में जानना ज़रूरी है।
फॉर्म 16 सभी नौकरीपेशा लोगों को उनकी कंपनी द्वारा दिया जाता है। इस फॉर्म में उनकी साल भर की आमदनी और TDS (टैक्स) की डिटेल्स होती हैं। इसमें ग्रॉस इनकम लिखी होती है जिससे आप इनकम टैक्स भरते समय अपनी इनकम में भरते है। जो व्यक्ति व्यवसाय करते है उन्हें अपनी इनकम खुद से भरनी होती है।
यह फॉर्म आपको िनकेँ टैक्स की वेबसाइट पर मिलेगा जहा आपका टीडीएस (TDS) के बारें में इनफार्मेशन होगी। यह आपके फॉर्म 16 के टीडीएस से मैच करना चाहिए। TDS आपका सिर्फ आपकी कंपनी के तरफ से नहीं बल्कि आपके बैंक के तरफ से भी बारे जाता है । यह टीडीएस आपकी सेविंग बैंक या फड़ पर मिले इंटरेस्ट पर लगता है।
यह फॉर्म आपको इनकम टैक्स की वेबसाइट (https://www.incometaxindiaefiling.gov.in) पर भरना होता है। इस फॉर्म को भरने के लिए फॉर्म 16 होना ज़रूरी है। इस फॉर्म को भरने के बाद अगर आपको कोई अतिरिक्त टैक्स भरना है तो वह आप चालान के माध्यम से भर सकते हैं।
साधारणतः एक्स्ट्रा टैक्स आपको बैंक, फिक्स्ड डिपाजिट, शेयर्स, म्यूच्यूअल फंड्स आदि से हुई आमदनी पर भरना होता है।
इनकम टैक्स पर आपको कई तरह की कर में रहत मिलती है। मुख्य तोर पर इन सेक्शन पर आपको कर में राहत मिलती है।
इसमें आपकी LIC प्रीमियम, होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट, PPF आदि पर किये गयी निवेश पर १,५०,००० तक के कर रहत मिलती है।
इस नियम के तहत आपको हाउसिंग लोन पर २,००,००० तक के कर में रहत मिलती है।
आपको आपने बच्चों की टूटिशन फीस, पोलिटिकल पार्टी के दिए चंदे, किसी बीमारी पर हुए खर्चे आदि पर भी टैक्स रिबेट मिलती है। यह सब आप ITR -1 भरते समय याद रखें।
अंत में यह ज़रुर ध्यान करहें की आप अपना इनकम टैक्स 31 जुलाई 2018 तक ज़रूर भर दें ताकि कोई पेनल्टी से बच सकें।